Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana

Submitted by shahrukh on Tue, 30/01/2024 - 16:09
Chhattisgarh CM
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Godhan Nyay Yojana Logo
Highlights
  • छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पशुपालको से 2/- रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर क्रय किया जायेगा।
Customer Care
  • गोधन न्याय योजना हेल्पलाइन नंबर :- 07712221614.
  • गोधन न्याय योजना हेल्पडेस्क ईमेल :- dprcgh@gmail.com.
योजना का अवलोकन
योजना का नाम गोधन न्याय योजना।
आरंभ होने की तिथि 20 जुलाई 2020
लाभ सरकार द्वारा 2 रूपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जायेगा।
आवेदन का तरीका गौठान समिति के द्वारा।
नोडल एजेंसी छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क संचानालय।

योजना के बारे मे

  • गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गयी योजना है।
  • इस योजना का प्रारम्भ 20 जुलाई 2020 को हुआ था।
  • पूरे देश में ये अपने आप में पहली ऐसी योजना है जिसमे सरकार द्वारा गोबर खरीद कर पशुपालको की आय में वृद्धि की जायगी।
  • इस योजना से आर्थिक रूप से कमज़ोर पशुपालको का आर्थिक रूप से लाभान्वित करना।
  • खरीदे हुवे गोबर से जैविक वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाई जायगी।
  • इसी खाद को मामूली दरों पर किसानो को बेचकर जैविक खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जायेगा।
  • इस योजना के अंतर्गत हर पंचायत में गौठान का निर्माण किया जायेगा।
  • इन्ही गौठानों में अन्य आवारा पशुओं की रहने खाने और चिकित्सा की सुविधा का इंतेज़ाम किया जायेगा।
  • खाद बनाने हेतु हर गौठान में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जायेगा।
  • हर वर्मी कम्पोस्ट मनरेगा के तहत बनाया जायेगा।
  • इन्ही वर्मी कम्पोस्ट में जैविक खाद बनाइ जायगी।
  • खाद स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाया जायेगा।
  • इस योजना से रोज़गार के कई अवसर उत्पन्न होंगे।
  • बनाई गयी खाद को सहकारी समितियों द्वारा पैक कर मामूली दरों पर किसानो को बेचा जायेगा।

उद्देश्य

  • पशुपालको की आय में वृद्धि करना।
  • पशुधन के खुले चरने पर रोक लगाना।
  • रोज़गार के नए अवसरों का निर्माण करना।
  • गोपालन एवं गोसुरक्षा को बढ़ावा देना।
  • रासनायिक उर्वरक का उपयोग कम कर जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देना।
  • जैविक खाद को आसानी से स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराना।
  • जितने भी स्थानीय स्व समूह है उनको रोज़गार के अवसर देना।
  • भूमि की उर्वरता में सुधार करना।

योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ

  • गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुपालको के पशुओं का गोबर सरकार द्वारा 2/- रूपये प्रति किलो की दर से क्रय किया जायगा।

पात्रतायें

  • पशुपालक छत्तीसगढ़ का निवासी होना चाहिए।
  • पशुपालक की आयु 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  • गोबर संग्राहक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
  • गोबर संग्राहक का खुद का बैंक खाता होना चाहिए।
  • गोबर संग्राहक के पास पहचान पत्र होना चाहिए।
  • गोबर संग्राहक के पास मोबाइल नंबर हो।
  • गोबर संग्राहक को अपने पशुओं की संख्या दर्ज़ करनी अनिवार्य है।

लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड।
  • बैंक पासबुक की प्रति।
  • पहचान पत्र।
  • स्थायी निवास प्रमाण पत्र।

पंजीकरण की प्रक्रिया

  • प्रत्येक पशुपालक का निकाय स्तरीय पंजीकरण किया जायेगा।
  • आवेदन करने हेतु निर्धारित प्रारूप में ही आवेदन पत्र जमा करना होगा।
  • आवेदन जमा करने के लिए निम्न जगाहों पर काउंटर बनाएं जायँगे :-
    • एस एल आर एम सेंटर।
    • कम्पोस्ट शेड।
    • वार्ड कार्यालय।
    • गौठान में।
  • आवेदन में निम्न जानकारी अनिवार्य रूप से भरी जायगी :-
    • पशुपालक का नाम।
    • पशुओं की संख्या।
    • उत्सर्जित गोबर की मात्रा।
  • सब जानकारी की सत्यता जांचने के बाद योजना के वार्ड प्रभारी द्वारा पशुपालक का पंजीकरण कर दिया जायेगा।
  • योजना के अन्तर्गत सर्वे के उपरांत प्रत्येक पशुओं के गले में मवेशी के मालिक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, की पट्टिका बाँधी जायगी।
  • अगर कोई भी पशु खुले में घूमता पाया गया तो इसकी समस्त ज़िम्मेदारी पशुपालक की होगी।

योजना की दरें

गोबर खरीद की दर 2 रूपये प्रति किलो
वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री दर 10 रूपये प्रति किलो
सुपर कम्पोस्ट की बिक्री दर 6 रूपये प्रति किलो
सुपर कम्पोस्ट प्लस की बिक्री दर 6.50 रूपये प्रति किलो

गोबर क्रय एवं भुगतान प्रक्रिया

  • पशुपालको से गौठान समितियों द्वारा गोबर क्रय किया जायेगा।
  • जिस पंचायत के अंतर्गत गौठान समिति होगी, समिति द्वारा सिर्फ उसी पंचायत का गोबर क्रय किया जायेगा।
  • गौठान में शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही गोवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं के पालक से गोबर का क्रय किया जायेगा।
  • फ़िलहाल शासन द्वारा गोबर क्रय का मूल्य 2/- रूपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने का फैसला किया है।
  • गोबर अर्धठोस प्रकृति का होना चाहिए जिसे हाथ में उठाया जा सके।
  • गोबर में किसी भी प्रकार की प्लास्टिक, कांच, मिटटी नहीं होनी चाहिए।
  • गोबर क्रय का विवरण 2 प्रतियों में रखा जायेगा।
  • गोबर क्रय पत्र पर पशुपालक के हस्ताक्षर होना अनिवार्य है।
  • योजना के तहत सिर्फ गोबर ही लिया जायेगा, गोबर से बना कोई भी उत्पाद जैसे कंडा को क्रय करना इस योजना के अंतर्गत शामिल नहीं है।
  • गोबर क्रय करने के पश्चात राशि का भुगतान पशुपालको को 15 दिन के भीतर समिति द्वारा कर दिया जायेगा।
  • गोबर क्रय की राशि पशुपालको के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।

योजना के महत्वपूर्ण बिंदु

  • छत्तीसगढ़ के किसानो की फसलों को आवारा पशुओं द्वारा बहुत नुकसान पहुँचाया जाता था।
  • फसल को आवारा पशुओं से बचने के लिए रात रात भर फसलों पर पहरा देना पढ़ता था।
  • इन्ही आवारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सभी 11000 ग्राम पंचायत में 3 से 5 एकड़ की भूमि आवंटित की है।
  • इन आवंटित भूमि पर पशुं के रहने, खाने, चिकित्सा आदि का इंतेज़ाम किया जायेगा।
  • इन्ही स्थानों को गौठान कहा जाता है।
  • पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में ऐसे 7 हज़ार से अधिक गौठान बना दिए गए है।
  • इन्ही गौठान की समितियों द्वारा पशुपालको से गोबर खरीदा जायगा।
  • ख़रीदे हुवे गोबर से जैविक खाद वर्मी कम्पोस्ट में बनाई जाती है।
  • सभी वर्मी कम्पोस्ट मनरेगा के अंतर्गत बनाये गए है।
  • गौठान में क्रय किये हुवे गोबर से जैविक खाद स्वसहायता समूह की महिलाओं के द्वारा बनाया जायेगा।
  • गौठान को चलाने में, क्रय किये हुवे गोबर से जैविक खाद बनाने में स्वसहायता समूह की महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • जैविक खाद बनाने के अलावा स्वसहायता समूह की महिलाओं ने साग सब्जियां उगाकर, क्रय किये हुवे गोबर से कंडे, गोकाष्ठ , दिए, गमले बनाकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • गोबर से वर्म कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए कृषि विभाग के प्रशिक्षित अधिकारीयों द्वारा महलाओं एवं गौठान समिति के सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • गौठान समिति में अन्य सदस्यो के अलावा चरवाहों को भी शामिल किया गया है।
  • प्रदेश के गौठानों में गौधन न्याय योजना के अंतर्गत जैविक खाद बनाने के अलावा मशरूम उत्पादन, कुक्कुट उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, राइस मिल , कोदो कुटकी, और भी अन्य गतिविधियों के माध्यम से हज़ारो लोगो को रोज़गार दिया गया है।
  • गौठान समितियों एवं स्वसहायता समूहों द्वारा जो भी लाभ होगा वो 25:75 के अनुपात में साझा किया जायेगा।
  • पंजीकृत पशुपालको को इस योजना के अंतर्गत निर्धारित परर्रूप में कार्ड का वितरण किया जायेगा।
  • गोबर खरीद की समस्त जानकारी कार्ड एवं पंजी में दर्ज की जाएगी।
  • गौठानों से किसान द्वारा सीधा वर्म कम्पोस्ट क्रय नहीं किया जायेगा।
  • वर्मी कम्पोस्ट का वितरण सहकारी समितियों द्वारा किया जायेगा।
  • खाद केवल 2 किलोग्राम, 5 किलोग्राम, एवं 30 किलोग्राम के पॉली बैग की पैकिंग में ही उपलब्ध होगा।

योजना की उपलब्धि

स्वीकृत गौठान (पशु शेड) 10,622
पंजीकृत पशुपालक 3,10,073
लाभार्थी पशुपालक 2,11,540
गोबर की खरीद 70.36 लाख क्विंटल।
वितरित राशि 140.71 करोड़ रूपये।
योजना के अंतर्गत कुल वितरित राशि 250 करोड़ रूपये।

योजना का सारांश

  • गौधन न्याय योजना के अंतर्गत अभी तक :-
    • 7 लाख 17 हज़ार 839 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया है।
    • 5 लाख 12 हज़ार 309 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री हुई है।
    • 3 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन किया है।
    • 1 लाख 25 हज़ार क्विंटल सुपर कम्पोस्ट की बिक्री हुई है।
    • 90 हज़ार पक्के टांके स्वीकृत हुवे।
    • 79 हज़ार 232 टांको का निर्माण पूरा हुवा।
    • 9 हज़ार 211 महिला समूह रोज़गार गतिविधियों से जुड़ी।

महत्वपूर्ण आवेदन पत्र

महत्वपूर्ण लिंक

सम्पर्क करने का विवरण

  • गोधन न्याय योजना हेल्पलाइन नंबर :- 07712221614.
  • गोधन न्याय योजना हेल्पडेस्क ईमेल :- dprcgh@gmail.com.
  • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क,
    छोटापारा, वार्ड नं.-46
    रायपुर, छत्तीसगढ़
    पिन: 492001

Matching schemes for sector: Rural

SnoCMSchemeGovt
1 SVAMITVA SchemeCENTRAL GOVT
2 Pradhan Mantri Gram Sadak YojanaCENTRAL GOVT

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suna tha chattisgarh ki godhan nyaya yojana ke andr gau mata ka mutra bhi sarkaar dwara khreeda jaa rha hai. is baat me kitni sacchai hai btaye??

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hmare gaon me godhan nyay yojana ke antargat gobar lene se gauthan smiti mana kr rhi hai. kripya karyawai kre. gaon ka naam majheri jila raipur

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me raipur se hu. pr mere gain me esi koi godhan nyay yojana ke baare me kisi ko nhi pata hai. mjhe godhan nyay yojana ka labh lena hai kese lu?

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